तिरुवनंतपुरम,  प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा केरल के उच्च शिक्षा मंत्री के टी जलील से पूछताछ करने के एक दिन बाद कांग्रेस और भाजपा के उनके इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शन किये, वहीं माकपा की प्रदेश इकाई ने केंद्रीय जांच एजेंसी की आलोचना करते हुए कहा कि उसका राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है।

अपनी बैठक के बाद प्रदेश माकपा सचिवालय ने एक बयान में कहा कि यह ‘अस्वाभाविक’ है कि ईडी प्रमुख ने शुक्रवार को दिल्ली में खुद खुलासा किया था कि एजेंसी ने जलील से सूचना मांगी थी।

पार्टी ने कहा, ‘‘ आरोप है कि ईडी एक ऐसी एजेंसी है कि जिसका राजनीतिक रूप से दुरूपयोग किया जा रहा है।’’

प्रवर्तन निदेशालय ने राजनयिक माध्यम से यूएई से लाई गई पवित्र कुरान की खेप को स्वीकार करने में एफसीआरए (विदेशी चंदा नियमन कानून) के कथित उल्लंघन को लेकर शुक्रवार को यहां केरल के उच्च शिक्षा मंत्री के टी जलील से पूछताछ की थी।

मार्क्सवादी पार्टी ने दोनों विपक्षी दलों द्वारा जलील के इस्तीफे की मांग को भी राजनीति से प्रेरित करार दिया।

इन दोनो दलों के प्रदर्शन पर माकपा महासचिव सीताराम येचुरी ने दिल्ली में कहा, ‘‘कांग्रेस की अगुवाई वाली यूडीएफ और भाजपा यह अभियान चला रही हैं। वैसे भी भाजपा को देश मे गैर भाजपा शासित सरकारों को अस्थिर करने में रूचि है। राज्य सरकार और पार्टी ने स्पष्ट कर दिया है कि गलती करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। ’’

एफसीआरए के कथित उल्लघंन मामले में जलील की पेशी के बाद कांग्रेस और भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनका इस्तीफा मांगते हुए व्यापक विरोध प्रदर्शन किया।

भारी बारिश के बाद भी कांग्रेस, युवा कांग्रेस, युवा मोर्चा, भाजपा, और यूथ लीग ने कोझिकोड, त्रिशूर, मल्लापुरम, इडुक्की और कोट्टायम समेत कई स्थानों पर जलील के इस्तीफे की मांग करते हुए प्रदर्शन किया।

कल रात विरोध प्रदर्शन के दौरान कार्यकर्ताओं पर पुलिस की कार्रवाई के विरोध में भाजपा आज 'काला दिवस' मना रही है।

कई स्थानों पर पुलिस ने हिंसक प्रदर्शनकारियों को तितर-बितर करने के लिए लाठियां चलाई और पानी की बौछारें की। प्रदर्शनकारियों ने मंत्री के पुतले भी फूकें।

राजधानी में प्रदर्शनकारियों ने सचिवालय में घुसने की कोशिश की जिसके बाद पुलिस ने लाठी चलाई और कुछ कार्यकर्ता इसमें घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों ने जलील के मल्लापुरम स्थित घर तक भी मार्च करने की भी कोशिश की लेकिन पुलिस ने कुछ दूरी पर ही उन्हें रोक लिया।

जलील से ईडी की पूछताछ के बारे में पर्यटन मंत्री केडाकमपल्ली सुरेंद्रन ने संवाददाताओं से यहां कहा कि उनसे स्पष्टीकरण मांगा गया था और उन्हें इस्तीफा देने की कोई जरूरत नहीं है और विपक्ष का विरोध प्रदर्शन गैरजरूरी है।

मंत्री ने इससे पहले यह स्वीकार किया है कि पवित्र कुरान की खेप उन्होंने तिरुवनंतपुरम स्थित संयुक्त अरब अमीरात के दूतावास से ली है, जिसके बारे में सीमा शुल्क के एक शीर्ष अधिकारी ने बताया कि 'प्राथमिक तौर पर यह एफसीआरए' के उल्लंघन का मामला है।

वहीं मंत्री ने शुक्रवार को फेसबुक पोस्ट में कहा, ' सच की जीत होगी। सिर्फ सच। चाहे भले ही पूरी दुनिया इसका विरोध करे, इसके अलावा कुछ नहीं होगा।'

वहीं राज्य में भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री पी विजयन जलील को 'बचा' रहे हैं।

विपक्ष के नेता रमेश चेन्नितला ने कहा, ‘‘ मुख्यमंत्री मंत्री को बचा रहे है। केवल जलील ही नहीं बल्कि पूरा मंत्रिमंडल ही राज्य के लिए बदनामी करने वाला है। यह मंत्रिमंडल राज्य पर बोझ है। ’’

जलील ने सार्वजनिक रूप से कहा था कि रमजान के दौरान तिरुवनंतपुरम लाई गई इस खेप में उनके विधानसभा क्षेत्र में वितरित की जाने वाली कुरान की खेप भी शामिल हैं।