इंफाल (असम), 17 नवंबर (हि.स.)। इंडिजिनस ट्राइबल फोरम (आईटीएलएफ) द्वारा मणिपुर के कुछ जिलों में ''स्वशासन'' की घोषणा को सरकार ने गैरकानूनी बताते हुए इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है। राज्य सरकार ने कहा है कि इस तरह के बयान का कोई कानूनी या संवैधानिक आधार नहीं है। शिक्षा मंत्री बसंत कुमार थौनाओजम ने घोषणा की है कि आईटीएलएफ और विवादास्पद घोषणा से जुड़े व्यक्तियों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

मंत्री थौनाओजाम ने आईटीएलएफ के ''स्वशासन'' के दावे की कड़ी निंदा की। उन्होंने कहा कि इससे राज्य की कानून और व्यवस्था बाधित होगी।

उन्होंने कहा कि यह गैरजिम्मेदाराना बयान राज्य में कानून और व्यवस्था की स्थिति को खराब करने के उद्देश्य से प्रेरित है।

सत्तारूढ़ विधायकों की बुलाई गई आपात बैठक में आईटीएलएफ की घोषणा की निंदा की गई। मंत्री ने खुलासा किया कि आईटीएलएफ और विवादास्पद बयान में शामिल व्यक्तियों के खिलाफ उचित कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

उल्लेखनीय है कि आईटीएलएफ ने 15 नवंबर को उन जिलों में ''स्वशासन'' की घोषणा की थी, जहां कुकी समुदाय के लोग रहते हैं। इस घोषणा ने विवाद पैदा कर दिया है और क्षेत्र में स्थिरता पैदा कर दिया है।