Covid-19 से रिकवर हो चुके कई मरीज़ एक खास किस्म की शिकायत करते हुए नज़र आ रहे हैं, जिसे मेडिकल भाषा में "कोविड-19 ब्रेन फॉग" कहा जा रहा है. कोविड से ठीक होने के बाद हल्का बुखार और बार-बार बुखार (Persistent Fever) आने जैसे लक्षण इसलिए सामान्य (General Symptoms) बताए जा रहे हैं

क्योंकि ये ठीक भी हो सकते हैं और थोड़े समय की मुश्किल होते हैं. दूसरी तरफ, ब्रेन फॉग की शिकायतें गंभीर लग रही हैं क्योंकि ये अपेक्षा से कहीं लंबे समय तक बनी हुई हैं. क्या ये हमेशा की शिकायत है या थोड़े समय की? यह ब्रेन फॉग आखिर क्या बला है?

विशेषज्ञों की मानें तो कोरोना संक्रमण हो जाने की स्थिति में इलाज के दौरान ध्यान रखा जाना चाहिए कि ज़्यादा या अतिरिक्त दवाएं न दी जाएं यानी ओवर ट्रीटमेंट न हो. कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में संक्रामक रोग विशेषज्ञ तनु सिंघल के हवाले से एक रिपोर्ट ने कहा कि रिकवर होने के बाद जो समस्याएं पेश आ रही हैं, ज़्यादातर इसलिए कि बेवजह लंबे समय तक एस्टेरॉइड या इलाज दिया जाता रहा.

क्या हैं रिकवरी के बाद पेचीदगियां?
कोविड से रिकवर होने के बाद सामान्य तौर पर जो तकलीफें महसूस की जा रही हैं उनमें ये लक्षण शामिल हैं :

थकान
सांस लेने में मुश्किल
जोड़ों का दर्द
छाती में दर्द
ब्रेन फॉग
स्वाद या गंध के एहसास का खोना
नींद संबंधी परेशानियां

इनके अलावा, थ्रॉम्बॉसिस और मायोकार्डियल परेशानियां भी कुछ गंभीर केसों में देखी जा रही हैं. यह भी आपको बताया जा चुका है कि कोरोना वायरस के दूरगामी लक्षणों में शरीर के कई अंगों पर प्रभाव देखा जा रहा है. डॉक्टर लगातार कह रहे हैं कि तमाम सावधानियां रखें और रिकवरी के बाद किसी भी किस्म की परेशानी या असामान्य लक्षण दिखे तो तत्काल विशेषज्ञ की सलाह लें. यहां आपको ब्रेन फॉग के बारे में बताते हैं.