इलेक्टोरल बाॅन्ड के ब्योरे को चुनाव आयोग को उपलब्ध न कराने के विरोध में वामपंथियों ने दिया एसबीआई के परिसर में धरना

Leftists staged a protest in the premises of SBI in protest


गोपेश्वर, 12 मार्च (हि.स.)। भारतीय स्टेट बैंक की ओर से सर्वोच्च न्यायालय की ओर से निर्धारित तिथि पर इलेक्टोरल बाॅन्ड को केंद्रीय चुनाव आयोग को उपलब्ध न करने और समय विस्तार की मांग के विरोध में मंगलवार को वामपंथी पार्टी सीपीआई, सीपीएम और सीपीआई माले के कार्यकर्ताओं ने चमोली जिला मुख्यालय गोपेश्वर स्थित भारतीय स्टेट बैंक की मुख्य शाखा के परिसर में धरना दिया गया। साथ ही शाखा प्रबंधक के माध्यम से भारतीय स्टेट बैंक के चेयरमैन को एक ज्ञापन भेजा गया।



सीपीएम के जिला मंत्री भूपाल सिंह रावत ने कहा कि सर्वोच्च न्यायालय की संवैधानिक पीठ की ओर से 15 फरवरी को इलेक्टोरल बाॅन्ड की योजना को असंवैधानिक घोषित कर दिया गया है। साथ ही सर्वोच्च न्यायालय ने भारतीय स्टेट बैंक को छह मार्च तक राजनैतिक दलों को 12 अप्रैल 2019 से अब तक प्राप्त इलेक्टोरल बाॅन्ड का ब्योरा केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपे जाने का आदेश दिया था। लेकिन यह खेदजनक है कि स्टेट बैंक की ओर से निर्धारित तिथि से दो दिन पहले चार मार्च को सर्वोच्च न्यायालय में इलेक्टोरल बाॅन्ड को चुनाव आयोग को सौंपे जाने के लिए 30 जून तक का समय मांगा गया। बैंक का यह तर्क हास्यास्पद और अस्वीकार्य है कि सर्वोच्च न्यायालय की ओर से निर्धारित की गई तिथि इलेक्टोरल बाॅन्ड को चुनाव आयोग को सौंपे जाने के लिए कम है। उन्होंने कहा कि इस डिजिटल के दौर में बैंक के पास डिजिटल प्रारूप में इलेक्टोरल बाॅन्ड की सूचना न होने की बात समझ से परे है। इससे साफ लग रहा है कि बैंक सरकार के भ्रष्टाचार को छुपाने का प्रयास कर रही है। इसका वामपंथी दल विरोध करते है। और मांग करते है कि अविलंब स्टेट बैंक इलेक्टोरल बाॅंड का ब्योरा केंद्रीय चुनाव आयोग को सौंपा जाए। धरने पर बैठने वालों में सीपीएम के जिलामंत्री भूपाल सिंह रावत, मदन मिश्रा, ज्ञानेंद्र खंतवाल, नंदन सिंह नेगी, गजे सिंह बिष्ट, भारती राणा, गीता बिष्ट आदि शामिल थे।








हिन्दुस्थान समाचार/जगदीश/दधिबल